🌿 मलेरिया के लिए आयुर्वेदिक दवाएँ
1. Giloy (गिलोय)
गिलोय सत्व या गिलोय का काढ़ा मलेरिया बुखार में बहुत उपयोगी है।
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है।
2. Sudarshan Churna (सुदर्शन चूर्ण)
मलेरिया बुखार के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक फॉर्मूला है।
इसमें 50 से अधिक जड़ी-बूटियाँ होती हैं, जो बुखार और संक्रमण को दूर करती हैं।
3. Tulsi (तुलसी)
तुलसी के पत्तों का रस या काढ़ा बुखार कम करने में मदद करता है।
तुलसी + काली मिर्च + शहद का मिश्रण बहुत लाभकारी होता है।
4. Neem (नीम)
नीम की पत्तियाँ संक्रमण को रोकने में मदद करती हैं।
नीम का काढ़ा या रस प्रतिदिन लिया जा सकता है (स्वाद थोड़ा कड़वा होता है)।
5. Kutaj Ghana Vati (कुटज घन वटी)
🏠 घरेलू उपाय
1. गिलोय और तुलसी का काढ़ा:
गिलोय की डंडी (6 इंच), 5-7 तुलसी के पत्ते, 2 लौंग, थोड़ी अदरक डालकर उबालें।
इसे दिन में 2 बार पिएँ।
2. पपीते के पत्ते का रस:
प्लेटलेट्स बढ़ाने और बुखार कम करने में मदद करता है (डेंगू में भी उपयोगी)।
3. धनिया (Coriander) का काढ़ा:
धनिया के बीज उबालकर पीने से बुखार में राहत मिलती है।4. नींबू और शहद:
शरीर को डिटॉक्स करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।
⚠️ महत्वपूर्ण सावधानियाँ
मलेरिया की पुष्टि होने पर डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।
आयुर्वेदिक दवाओं के साथ एलोपैथिक इलाज में टकराव ना हो, इसका ध्यान रखें।
बुखार, कंपकंपी, सिरदर्द, पसीना — ये लक्षण अगर बढ़ते हैं तो तुरंत मेडिकल जांच कराएं
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